जरा सोचिये!
कितनी बदली है तस्वीर भारतीय मजदूर की?
क्यों उनको आज भी प्रगति के अवसरों से वंचित रखा जाता है?
क्यों आज भी कारखानों में उनके लिए अलग भोजनालय, प्रवेश द्वार तथा अन्य सुविधाओं में भेदभाव होता है?
क्यों उनको जापानी बनने को कहा जाता है जबकि प्रबंधन अंग्रेजी प्रणाली से कार्य करता है?
Saturday, May 2, 2009
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