हमें आज़ादी चाहिए - भ्रस्टाचार, आतंकवाद, काले धन, बेईमानी, सस्ती व स्वार्थी राजनीती, बढती आबादी, बेरोज़गारी, गरीबी, मंहगाई, पद व सत्ता के दुरपयोग, मिलावटखोरी, प्रदूषण आदि से।
और इन सब के लिए कोई बाहर से नहीं आयेगा, प्रत्येक भारत वासी को अपने स्तर पर इसके लिए मिलकर प्रयास करना होगा। तभी हम आने वाली पीढ़ियों को अपने सपनों का भारत दे पाएंगे।
जय हिंद। जय भारत।
Sunday, August 14, 2011
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